हरियाणा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रो रंजना अग्रवाल सीएसआईआर की निदेशक बनीं, दर्ज हैं कई उपलब्धियां

सत्यखबर कुरुक्षेत्र (ब्यूरो रिपोर्ट) – कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की रसायन शास्त्र विभाग में प्रोफेसर रंजना अग्रवाल को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान (एनआईएसटीएडीएस)का निदेशक नियुक्त किया है। इस संस्थान के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उपाध्यक्ष केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन हैं। डॉ रंजना की नियुक्ति छह वर्षों के लिए हुई है।

मालूम हो कि डॉ रंजना अग्रवाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीएससी, एमएससी तथा पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एरिथ्रोमाइसिन बायोसिंथेसिस पर पोस्ट डॉक्टरल शोध किया है। वह वर्ष 1995 से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं।

डॉ अग्रवाल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन, यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रिएस्ट जैसी कई प्रसिद्ध यूरोपीय प्रयोगशालाओं में शोध कार्य किया। वह अमेरिका, स्पेन और आयरलैंड के वैज्ञानिकों के साथ सक्रिय सहयोग से शोध कार्य कर रहीं हैं। हाल ही में उन्हें हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा डीएनए के माध्यम से कैंसर के इलाज के नए उपाय विकसित करने के लिए बीस लाख रुपये का शोध अनुदान प्रदान किया गया था।

उनके शोध योगदान को विशेष रूप से कॉमनवेल्थ फेलोशिप (2003-2004), इंडियन केमिकल सोसाइटी द्वारा डॉ बासुदेव बनर्जी मेमोरियल अवार्ड (2014) और भारतीय विज्ञान कांग्रेस द्वारा प्रो एसएस कटियार एंडॉमेंट अवार्ड (2015) के रूप में मान्यता मिल चुकी है।

महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र की निदेशक के रूप में वह सक्रिय रूप से क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, लिंग संवेदीकरण को बढ़ावा देने और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के बीच कौशल विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कैलाश चंद्र शर्मा ने डॉ अग्रवाल को उनकी नियुक्ति पर बधाई देते हुए कामना की है कि उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है।

इससे पहले सीएसआईआर की पहली महिला निदेशक डॉ लक्ष्मीकांतम भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा थीं। संयोग से, दोनों महिला वैज्ञानिकों ने इस विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है।

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